हमारे देश की सबसे बड़ी विडंबना यह है की यहाँ सिर्फ सरकार और विपक्ष है, देश और जनता शायद सबसे बाद में आते है. इसीलिए यहां मुद्दा यह नहीं होता की जनता के लिए क्या अच्छा है और क्या बुरा बल्कि मुद्दा यह होता है की कोई भी सरकार कुछ भी करे बस उसका विरोध करना है.
मात्र कुछ दिन पहले केंद्र की भाजपा सरकार ने चुनाव से पहले आम बजट पेश किया और उसमे गरीब किसानो को कुछ राहत देते हुए 6000 रुपये प्रतिवर्ष की सहयोग राशि देने का प्रावधान किया. अब यह बात विपक्ष को रास नहीं आयी और उन्होंने तुरंत पूरी राशि को दिनों में बदलते हुए आरोप लगाया की किसानो को 17 रुपये रोज़ (हालाँकि यह राशि वैसे तो 16.43 रुपये आती है) देकर उनका अपमान किया जा रहा है.
अब अगर बात इसी तरह से करनी है तो फिर जनता के पास भी कई सवाल है उठाने के लिए. जो भी सांसद, चाहे वो कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ही क्यों ना हो, यह सवाल उठा रहे है तो क्या वो यह बताएँगे की संसद में बैठ कर जब वो 15 रुपये में भरपूर भोजन करते है तब उनको यह बात याद नहीं आती? तब उनको नहीं लगता की यह रकम कितनी छोटी है की मात्र 15 रुपये में उनका पेट भर जाता है जबकि वो खुद सांसद है और देश के चुनिंदा अमीरों में गिनती होती है.
जरा एक नज़र उस रेट लिस्ट पर डाल ले जिसका भरपूर मज़ा सांसद लोग लेते है और फिर प्रेस कांफ्रेंस करके किसानो को दिए जाने वाले पैसे पर सवाल खड़ा करते है.
डोसा- 12 रुपये
वेज सैंडविच - 12 रुपये
वड़ा सांभर- 12 रुपये
कढ़ी पकौड़ी- 12 रुपये
ब्रेड पकोड़ा- 14 रुपये
मिनी वेज थाली- 15 रुपए
यह तो सिर्फ बानगी भर है, इसके अलावा सैकड़ो ऐसे आइटम है जो कौड़ियों के भाव हमारे सांसद महोदय खाते है और उसके बाद मीडिया के सामने बयान बहादुर बन जाते है. किसी भी पार्टी के लिए सबसे बड़ा होना चाहिए देश हित और देश हित के सामने राजनीति कभी नहीं आनी चाहिए. विपक्ष को जब भी लगे की सरकार कुछ अच्छा कर रही है तो भले ही उसकी तारीफ ना करें लेकिन जनता को बरगलाने का काम बिलकुल ना करें.
किसानो को दिए जाने वाली रकम काफी कम है और मेरा खुद का यह मानना है की किसी भी व्यक्ति को पैसा देने की जगह सुविधाएं देनी चाहिए लेकिन बात रकम कम या ज्यादा की नहीं है. बात है किसानो को सहयोग राशि मिलने की. यह रकम कितनी भी कम हो लेकिन शूंन्य "०" से ज्यादा ही है. ऐसे सांसद जिन्हे बहुत तकलीफ हो रही है इस राशि से उनको यह एलान कर देना चाहिए की आज के बाद वो संसद में बैठकर सब्सिडी वाला खाना नहीं खाएंगे और अपनी पूरी राशि किसानो के खाते में जमा करेंगे.
जय हिन्द
No comments:
Post a Comment
Thank You very much for your comment. Kindly also vote for poll question given. Keep visiting my blog.